मेरी हर जीत का श्रेय भी हमेशा तुझे ही मिलता था। मेरी हर जीत का श्रेय भी हमेशा तुझे ही मिलता था।
दरवाज़े के पीछे छिप कर चुप चाप खड़ी है ज़िन्दगी...... दरवाज़े के पीछे छिप कर चुप चाप खड़ी है ज़िन्दगी......
मझधार में उसकी, नैया डोली, जिसने छोड़ी, वक्त की डोरी! मझधार में उसकी, नैया डोली, जिसने छोड़ी, वक्त की डोरी!
न कोई अवरोध हैं, जो रोक तुझे पायेगा। न कोई अवरोध हैं, जो रोक तुझे पायेगा।
अर्थी उठेगी जिस दिन हमारी, गम-ए-आंख भर उठेंगी तुम्हारी। अर्थी उठेगी जिस दिन हमारी, गम-ए-आंख भर उठेंगी तुम्हारी।
यूँ मत चिल्ला,यूँ मत चीख ज़माना न देगा तुझे भीख। यूँ मत चिल्ला,यूँ मत चीख ज़माना न देगा तुझे भीख।